शेयरिंग इज थे बेस्ट शोसल मेडसिन
आज
पूरा समाज किसी ना किसी सामजिक बीमारी का शिकार है, यह बीमारी व्यक्ति, परिवार के
साथ साथ समाज और देश को भी बीमार कर रहा है| कहते है एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग और सफलता का सूत्र
रहता है तो जब तक समाज का हर व्यक्ति स्वस्थ नहीं होगा हम स्वस्थ समाज की कल्पना
नहीं कर सकते है| हमारे और हमारे समाज के स्वस्थ सेहत के लिए परस्पर एक दूसरे का
सवांद स्थापित करना अति आवश्यक है क्योकि बहुत सी बीमारिया जानकारी के अभाव में हम
उस उपाय या चीज को नहीं कर पाते है जिसके लिए
हम लाख रुपया पैसा खर्च कर दे या प्रयास कर ले सफल नहीं हो पाते है| इसी प्रकार
स्वास्थ के अतरिक्त बहुत से दिन प्रति दिन के सामाजिक परेशानी मनुष्य के जीवन में
बीमारी के रूप में आती रहती है जिससे के उपाय ढूढने और सफल होने के लिए हम अपना
बहुमूल्य समय इधर उधर के भाग दौर और उपायों में खर्च कर देते है पर फिर भी हमें सफलता
कम ही मिलती है| किसी भी कार्य की सम्पूर्णता बिना अनुभव के नहीं हो सकती है हम
चाहे कितना भी ज्ञानी और जानकार हो वह उस कार्य और समय के लिए तो ठीक है पर जब
समस्या नहीं बन रही होती है तो किसी ना किसी का उस कार्य के प्रति अनुभव् या स्वंम का अनुभव ही उस कार्य की सफलता का पूरक बनता है|
हम अनुभव
के महत्ता को कम नहीं कर सकते है| अनुभव हमें बिना शेयरिंग, आपस के जानकारी के
अदान-प्रदान, परसपर संपर्क और बात-चीत के नहीं मिल सकते है, जितना ही हम ज्ञान के
साथ-साथ अपने अनुभव को साझा करंगे या आदान
प्रादान करंगे हम समस्या के समाधान को उतनी ही आसानी से हल कर सकते है| हम लाख
बीमारी से परिचित हो हमें सही और अच्छे डाक्टर का पता यदि नहीं होगा हम उस बीमारी का
सही से इलाज नहीं करा सकते है हम यदि उस बीमारी को एक दूसरे से शेयर करे तो हो
सकता है की किसी को उस बीमारी के लिए सही इलाज हेतु सही डाक्टर का पता चल जाय और
हम ठीक हो जाय| क्योकि किसी दूसरे का उस बीमारी के में पाया गया समाधान हमें उसके द्वारा मिल
सकता है और यह प्राय: पाया जाता है की बहुत से लोग सही डाक्टर के संपर्क में ना
आने से इलाज में देर हो जाता है और उनका पैसा और समय दोनों खराब हो जाता जबतक वह
सही डाक्टर के संपर्क में आते है| सही डाक्टर मिलाने पर भी जबतक हम उससे आने
बीमारी को सही तरीके से शेयर नहीं करंगे तो वह सही इलाज नहीं कर सकेगा| वैसे भी यह
सच है कि हम किसी भी चीज को जबतक छिपाते रहंगे उसका हल हमें सही रूप से नहीं
मिलेगा, जीवन को कुछ पहलू को छोड़ कर हमें कभी किसी चीज के बारे में अपनो से शेयर करने में कभी नहीं हिचकना चाहिए क्योकि हो
सकता है किसी ना किसी अपने जान पहचान के पास उस समस्या का समाधान हो या जानकारी हो जिसके माध्यम से हम उस समस्या का समाधान आसानी
से पा सकते हो| कई बार शेयरिंग से बड़ा बड़ा काम बड़े ही आसानी से हल हो जाते है
जिसके लिए हम बहुत समय से परेशान रहते है, जैसे की हमें कही अनजान जगह दूर जाना है
और हम वहा से पूरी तरह से अनजान है तो दिमाग में कई तरह के क्याल अछे बुरे परेशान
करते रहते है परन्तु हम जब इसे शेयर करते रहे तो हो सकता है कोई ऐसा मिले जिसे
इसके बारे में सब कुइछ मालूम हो और इसे बड़े ही आसानी से हलकर सकता हो| समाज और सामाजिक परिवेश का सामाजिक जीवन में बहुत ही
बहुमूल्य उपयोग है जो कि हमें मेडसिन के रूप में
मुफ्त में हमें शेयरिंग के माध्यम से मिल जाती है और कभी कभी आपस के लेन – देन का सहयोग बड़े से
बड़े काम को आसानी से हल कर देते है| मनुष्य और समाज में संकोच और घमंड एक ऐसी
बीमारी है जिसका कोई इलाज किसी के पास नहीं है| इस बीमारी के कारण ही समाज और भी
बीमार होता जा रहा है और समस्याए दिन पर दिन बढती जा रही है|
यह कहावत चरितार्थ है
की मुफ्त में में कोई सलाह भी नहीं देता है और मनुष्य को प्यास लगाने पर पानी
स्वंम नहीं मिल जाती उसे ही पानी की तलाश करनी पडती है ठीक उसी प्रकार समस्या के
समाधान हम बिना शेयरिंग के नहीं पा सकते है यह एक ऐसा माद्यम है की हमें कभी कभी
बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान बहुत ही छोटे रूप में मिल जाता है जिसके लिए हम
अत्यंत ही परेशान हो सकते है| समाज के हर व्यक्ति के पास पाने अपने ज्ञान और
सामर्थ्य के अनुसार किसी न निसी कार्य का अनुभव रहता है जो किसी अन्य के लिए
शेयरिंग के द्वारा शोसल मेडेसिंन के रूप में मिल सकता है और वह सफल हो सकता है|
अनुभव के ब्बरे में हमें किसी को भी इग्नोर नहीं करना चाहिए क्योकि बहुत से ऐसे
समस्या है जो देखने में छोटी है पर हम उसका हल नहीं पा सकते है और कोई दुसरा उसे
आसानी से हल कर देता है| शायरिंग एक ऐसा मेडसिन् है जो हमें मुफ़ में मिल सकता है बस
हमें परस्पर एक दूसरे से बात - चित के माध्यम से अपने समस्याओ को शेयर करना होता
है, और हम किसी का मदद करते है तो कोई दूसरा अवश्य ही हमारे मदद के लिए खडा मिलता
है|
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